1 कुरिन्थियों 16
16 1 अब पवित्र लोगों की सहायता के लिए धनराशि के संबंध में: इस विषय में मैंने, जो आज्ञा गलातिया प्रदेश की कलीसियाओं को दी थी, उन्हीं आज्ञाओं का पालन तुम भी करो. 2 सप्ताह के पहले दिन तुममें से हर एक अपनी आय के अनुसार कुछ धनराशि अलग रख छोड़े कि मेरे वहां आने पर तुम्हें धन इकट्ठा न करना पड़े. 3 जब मैं वहां आऊंगा तुम्हारे द्वारा चुने गए व्यक्तियों को पत्रों के साथ भेज दूंगा कि वे इकट्ठा राशि को येरूशलेम पहुंचा दें. 4 यदि मेरा जाना भी सही हुआ तो वे मेरे साथ जा सकेंगे. 5 में मकेदोनिया यात्रा के बाद तुम्हारे पास आऊंगा क्योंकि मैं मकेदोनिया यात्रा की योजना बना रहा हूं. 6 संभवत: मैं आकर तुम्हारे साथ कुछ समय व्यतीत करूं या पूरी शीत ऋतु ही कि तुम मुझे मेरे आगे के सफर की ओर, मैं जहां कहीं जाऊं, विदा कर सको. 7 मैं नहीं चाहता कि तुमसे केवल चलते-चलते मिलूं परंतु मेरी आशा है कि यदि परमेश्वर चाहें तो मैं तुम्हारे साथ कुछ समय व्यतीत करूं. 8 मैं पेन्तेकॉस्त पर्व तक इफ़ेसॉस नगर में ही रहूंगा 9 क्योंकि मेरे लिए वहां उपयोगी सेवा का द्वार खुला है. इसके अतिरिक्त वहां मेरे अनेक विरोधी भी हैं. 10 जब तिमोथियॉस वहां आए तो यह सुनिश्चित करना कि वह तुम्हारे साथ निश्चिंत रहे क्योंकि मेरे समान वह भी प्रभु के काम में जुड़ा है. 11 ध्यान रहे कि कोई उसे तुच्छ न समझे. उसे सकुशल विदा करना कि वह मेरे पास लौट आए. मैं अन्य भाइयों के साथ उसकी प्रतीक्षा में हूं. 12 अब हमारे भाई अपोल्लॉस के संबंध में: मैंने उनसे बार-बार विनती की कि वह अन्य भाइयों के साथ तुम्हारे पास आएं किंतु वह इस समय यात्रा के लिए तैयार नहीं किंतु सही अवसर प्राप्त होते ही वह वहां आएंगे. 13 जागते रहो, विश्वास में स्थिर रहो, निडर बनो, निश्चय करो 14 तथा हर एक काम प्रेम भाव में ही करो. 15 स्तेफ़ानॉस के कुटुंबियों के विषय में तो तुम्हें मालूम ही है कि वे आखाया प्रदेश के पहले फल हैं. उन्होंने स्वयं को पवित्र लोगों की सेवा के लिए समर्पित किया हुआ है. इसलिये प्रियजन, मेरी तुमसे विनती है 16 कि तुम उनका तथा ऐसे व्यक्तियों का नेतृत्व स्वीकार करो, जो मेरे काम में सहायक तथा परिश्रम करते हैं. 17 स्तेफ़ानॉस, फ़ॉरतुनातॉस तथा अखियाकॉस का यहां आना मेरे लिए आनंद का विषय है. उनके कारण तुम्हारी ओर से जो कमी थी, वह पूरी हो गई. 18 उनके कारण मेरे और तुम्हारे मन में नई ताज़गी का संचार हुआ है. ऐसे व्यक्तियों को मान्यता अवश्य दी जाए. 19 आसिया प्रदेश की कलीसियाओं का तुम्हें नमस्कार. अकुलॉस और प्रिस्का तथा उस कलीसिया की ओर से, जो उनके घर पर आराधना के लिए इकट्ठा होती है, प्रभु में तुम्हें बहुत-बहुत नमस्कार. 20 यहां सभी प्रियों की ओर से तुम्हें नमस्कार. पवित्र चुंबन के साथ एक दूसरे का नमस्कार करो. 21 मैं, पौलॉस तुम्हें अपने हाथ से यह नमस्कार लिख रहा हूं. 22 जो कोई प्रभु से प्रेम नहीं करता, वह शापित हो. हे हमारे प्रभु आ! 23 तुम पर प्रभु मसीह येशु का अनुग्रह हो. 24 मसीह येशु में मेरा प्रेम तुम पर हमेशा रहे, आमेन.